धन प्राप्ति के लिए मंत्र । अति दुर्लभ धन दर्शन मंत्र ।आकस्मिक धन प्राप्ति मन्‍त्र

धन प्राप्ति के लिए मंत्र । अति दुर्लभ धन दर्शन मंत्र ।आकस्मिक धन प्राप्ति मन्‍त्र  

धन प्राप्ति के लिए विभिन्‍न मंत्र एवं विधियां 

धन प्राप्ति के लिए मंत्र । अति दुर्लभ धन दर्शन मंत्र ।आकस्मिक धन प्राप्ति मन्‍त्र
धन प्राप्ति मंत्र ।। अति दुर्लभ धन दर्शन मंत्र ।।आकस्मिक धन प्राप्ति मन्‍त्र ।। 



धन प्राप्ति मंत्र 1

ॐ ह्रीं  श्रीं क्‍लीं नम: ध्‍व: ध्‍व: स्‍वाहा।

व्‍याघ्र चर्ममृ्ग चर्म अथवा किसी भी चर्मासन पर बैठ कर या किसी नदी या जलाशय के तट पर वट वृक्ष के नीचे बैठकर इस मन्‍त्र की साधना करने से साधक को अनायान धन प्राप्‍त होता है। साधना 21 दिन में एक लाख पच्‍चीस हजार मंत्र जाप द्वारा ही सम्‍पन्‍न की जा सकती है। परंतु मंत्र सिद्ध होने पर अकस्‍मात धन प्राप्‍त होता है। य‍ह निश्चित है। 

    धन प्राप्ति का मंत्र 2

     सरस्‍वती ईश्‍वरी भगवती माता क्रां क्‍लींश्रीं श्रीं मंम धनं देहि फट् स्‍वाहा।

    धन की प्राप्ति में यदि बराबर रूकावट आ रही होतो इन मंत्र का एक सौ आठ-आठ बार जप 40 दिन तक करें। लक्ष्‍मी जी प्रसन्‍न होकर धन देगी,


    यदि किसी की उधारी बाकी होव्‍यक्ति की नियत रूपया वापस नहीं देनी की हो,तो इस मंत्र के जप द्वारा व्‍यकित की बुद्धि निर्मल व शुद्ध हो जाती है तथा आपका रूका हुआ रूपया मंत्र बल से मिलने लगता है।

     

    धन प्राप्ति का मंत्र 3

     ह्रीं  श्रीं क्‍लीं महालक्ष्‍मीमहासरस्‍वती ममगृहे आगच्‍छआगच्‍छ ह्रीं  नम:।

    इस मंत्र को दीपावली की रात्रि का कुमकुम या अष्‍टगंध से थाली पर लिखें तथा उसी रात्रि को 1800 या यथेष्‍ट जप करें। तो वर्ष में साधक बहुत अधिक दौलत या ऋिद्धि सिद्धि को प्राप्‍त करता हैयह अद्भुत प्रयोग है। [दीपावली धन प्राप्ति के टोटके]

     

    धन का भंडार प्राप्‍त करने का मंत्र

     यक्षाय कुबेराय वैश्रवणायधन धन्‍याधिपतये धन धान्‍य समृद्धि में देहि दापय स्‍वाहा।

    यह देवताओं के कोषाध्‍यक्ष कुबेर का अमोघ मंत्र है। इस मंत्र के तीन माह तक रोज 108 बार जाप करेंजाप करते समय एक कोड़ी (धनलक्ष्‍मी कोड़ी) अपेन सन्‍मुख अवश्‍य ही रखे। तीन माह बाद प्रयोग पूरा होने पर उस कोड़ी को आप तिजोरीगल्‍ले या लॉकर में स्‍थापित कर दे। आपके धन का भण्‍डार हमेशा भरा हुआ रहेगा।

    इन्‍हें भी देखें💬135+ बच्चों के नये नाम की लिस्ट [BOY HINDU]


    धन वृद्धि करने का मन्‍त्र

     नमो भगवती पद्म पदमावी   ह्रीं   पूर्वाय दक्षिणाय उत्‍तराय आष पूरय सर्वजन वश्‍य कुरू कुरू स्‍वाहा।

     

    सिद्धि करने की विधि- विधान पूर्वक दीपावली की रात्रि को सिद्धि कर लेंतत्‍पश्‍चात प्रात: शयया त्‍याग से पूर्व एक सौ आठ बार मन्‍त्र पठ़कर चारों दिशाओं के कोणों में दस-दस बार फुंके तो साधक को सभी दिशाओं से धन प्राप्ति हो।


    अति दुर्लभ निधि दर्शन मन्‍त्र

     नमो विघ्‍नविनाशाय निधि दर्शन कुरू कुरू स्‍वाहा

    प्रयोग विधि- शुभ दिवस तथा नक्षत्र में इस मंत्र को सहस्‍त्र बार जप करेंसिद्धि हो जाने पर जब प्रयोग करना हो जब जिस स्‍थान में धन गड़े होने की सम्‍भावना हो उस स्‍थान पर धतुरे के बीजहलाहलसफेद घुघुंचीगन्‍धकमैनसिलउल्‍लू की विष्‍ठा तथा शिरीष वृक्ष का पंचांग बराबरबराबर लें सरसों के तेल में पकावे तथा इसी से धूप करने दस सहस्‍त्र बार मन्‍त्र का जाप करने से भूत-प्रेत तथा पितृ आदि का साया उस स्‍थान से हट जाता है और भूमि में गड़ी धनराशि सा‍धक को दृष्टिगोचर होने लगती है।

    आकस्मिक धन प्राप्ति मन्‍त्र

     ह्रीं  श्रीं क्‍लीं नम: ध्‍व: ध्‍व:

    प्रयोग विधि- मृगाशिरा नक्षत्र में वध किये श्‍याम मृगचर्म पर आसीन हो किसी सरिता के तट कनकागुदी वृक्ष के नीचे बैठ विश्‍वास पूर्वक इक्‍कीस दिन में एक लाख बार मन्‍त्र जपने से अनायास धन प्राप्‍त होता है।

     

    ऋद्धिकरण मन्‍त्र

     नमो पदमावती पद्मानने लक्ष्‍मी दायिनी बाछां भूत प्रेत विंध्‍यवासिनी सर्व शत्रु संहारिणी दुर्जन मोहनी सिद्ध ऋद्धि वृद्ध कुरू कुरू स्‍वाहा  नम: क्‍लीं श्री पद्मावत्‍यै नम: ।

    प्रयोग विधि-छार छबीलाकपूरकचरीगूगुलगोरोचन समभाग ले मटर के समान गोलियां बनाकर रविवार या शनिवार की आधी रात से जात प्रारम्‍भ करें और बाईस दिन तक एक सौ साठ बार मन्‍त्र जाप करें तथा एक सौ पांच बार मन्‍त्र जाप कर हवन करें तथा पूजन में लाल वस्‍तु ही रखें तथा लाल वस्‍त्र ही पहने तो बाईस दिन पश्‍चात लक्ष्‍मी जी की अनुकम्‍पा से ऋिद्धि प्रा‍प्‍त होगी।


    इन्‍हे भी देखे💬30+।। देशी घी के फायदे ।। चमत्‍कारी घरेेेलुु फायदें 

    इन्‍हे भी देखे💬व्‍यापार वृद्धि मंत्र ।। व्‍यापार बंधन मुक्ति मंत्र ।।

    इन्‍हे भी देखे💬 सिद्धि प्राप्‍त मंत्र ।। विवाह हेेेतु ।। रोजगार हेतु ।।  

    इन्‍हे भी देखे💬 शनि देव  चालिसा ।। शनि देव आरती ।। 

    Leave a Comment