छत्तीसगढ़ में बैंकिंग का विकास banking development in chhattisgarh

 
छत्तीसगढ़ में बैंकिंग का विकास


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⦿छत्तीसगढ़ में बैंकिंग का विकास बैकिंग व्‍यवस्‍था संस्‍थागत वित्‍त
का सबसे कारगर
, विश्‍वसनीय, पारदर्शी
तथा सरल व्‍यवस्‍था है। बैंक घरेलू बचत को प्रोत्‍साहित करती हैं। 

⦿विभिन्‍न आर्थिक
गतिविधियों के संचालन हेतु आवश्‍यक वित्‍तीय जरूरतों को पूरा करती है तथा उत्‍पादक
गतिविध्यिों को प्रेरित करती है।

⦿कृषि उत्‍पादन तथा सेवा क्षेत्र द्वारा उत्‍पन्‍न
बचत तथा निवेश की संभावनाओं में वृद्धि करते हुए उत्‍पादन गतिशीलता को बनाये रखती
है एक सुदृढ़ तथा प्रबंधित बैंकिंग व्‍यवस्‍था का होना राष्‍ट्र की आर्थिक
संवृद्धि को सतत बनाये रखने के लिए अत्‍यंत आवश्‍यक है। 

⦿बैंकिंग व्‍यवस्‍था द्वारा
कृषि वित्‍त की आपूर्ति के साथ साथ मध्‍यम
, लघु  तथा सुक्ष्‍म उद्योंगो की आर्थिक गतिविध्यिों
के संचालन हेतु भी ऋण प्रदान की जाती है।

 ⦿विकासशील राज्‍यों में बैंकिंग व्‍यवस्‍था
सामाजिक एवं आर्थिक विकास के उत्‍प्रेरक के रूप में कार्य करता है। 

⦿वाणिज्यिक
बैंकों के लिए यह प्रावधान दिया गया है कि कुल ऋण का 40 प्रतिशत प्राथमिकता
क्षेत्र को प्रदान किया जाये
, प्राथमिकता क्षेत्र को प्रदान किये गये ऋण में 18 प्रतिशत
ऋण कृषि क्षेत्र को प्रदान किये जाने का प्रावधान है। 

⦿एक विकासशील अर्थव्‍यवस्‍था
में लोगों को उत्‍पादन गतिविध्यिों के संचालन हेतु आसानी से ऋण प्राप्‍त होना
, समावेशी
विकास की संभावनायें उत्‍पन्‍न करता है।

⦿छत्तीसगढ़ एक विकासशील राज्‍य है छत्तीसगढ़ राज्‍य में बैंकिंग क्षेत्र का विकास कृषि तथा उत्‍पादन दोनों ही क्षेत्र के उत्‍पादन
गतिशीलता को बढ़ाने के लिए अत्‍यंत आवश्‍यक है।




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